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मध्यप्रदेश में लगातार बा‎रिश का दौर जारी, ग्वालियर-चंबल संभाग हुआ जलमग्न

भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून स‎क्रिय होने के बाद से भारी बा‎रिश का कहर जारी हैं। इस चलते ग्वा‎लियर-चंबल संभाग में बाढ़ के हालत बन गए हैं। लोगों को नांव के द्वारा रेस्क्यू ‎किया जा रहा है तो वहीं खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर चंबल संभाग के लगभग सभी जिले पानी-पानी हो गए हैं। इस वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभा‎वित हो हुआ है और भुखमरी के हालात बन गए हैं। लोगों के घर में रखा राशन सब बाढ़ में बह गया है। ऐसे में सरकार हेलीकॉप्टर से खाने के पैकेट भेज रही है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।
बताया जा रहा है ‎कि श्योपुर जिले में 15 लोकेशन में से 13 लोकेशन चिन्हित की गई है, जहां 2000 खाने के पैकेट हेलीकॉप्टर के माध्यम से भेजे गए है। इसके बाद 2500 खाने के और पैकेट दोबारा हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हीं लोकेशन पर भेजे जाएंगे। प्रत्येक 2 घंटे के अंतराल पर खाद्य सामग्री बाढ़ प्रभावित लोकेशंस पर भेजी जाएगी। जानकारी के अनुसार 15 हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हुए है जिनके कच्चे मकान गिर गए हैं। सुबह 11 बजे सूखे राशन की 5000 किट जिला श्योपुर के लिए रवाना होगी हुई। जिसमें 5 किलो आटा, 1 किलो दाल, 2 किलो चावल ,1 किलो नमक और आधा लीटर तेल, हल्दी एवं लाल मिर्च शामिल है। इसके साथ ही बिस्किट, केले और मिल्क पाउडर के पैकेट के साथ एक और ट्रक जिला श्योपुर के लिए और रवाना किया गया है। शहर के हालात पर ‎‎चिंता जताते हुए सीएम ‎शिवराज ‎सिंह चौहान ने कहा ‎कि बाढ़ से प्रदेश के कई क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई है। पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं देखी। श्योपुर शहर में 20-20 फिट पानी है। वहीं रतनगढ़ वाली माता पुल तथा सनकुआ पुल के ऊपर पानी जा रहा है। बड़ी संख्या में घर गिरे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राहत शिविरों के अलावा बाढ़ प्रभावित बस्तियों में भी भोजन स्वच्छ जल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। टूटे मकानों की मरम्मत, बिजली की आपूर्ति बहाल करना, टूटे पुलों को दुरुस्त कराना, संचार व्यवस्था को बहाल करना आदि कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे है।

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