
अनमोल धरोहर साधु साध्वीजी की सुरक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है……
दिलीप दरड़ा
बखतगढ़ (धार) “आपका गण आपके द्वार” अभियान के अंतर्गत श्री धर्मदास गण की प्रवास यात्रा सभी संघों में की जा रही है। इसी के तहत प्रवास यात्रा बखतगढ़ पहुंची। गण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली, राष्ट्रीय महामंत्री शैलेश पीपाड़ा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संतोष चपलोत, मोहनलाल रूनवाल, राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष दीपक रूनवाल, राष्ट्रीय संरक्षक चंद्रप्रकाश बोकड़िया, मालवा झोन प्रभारी राजकुमार पारख, राष्ट्रीय सहमंत्री प्रवीण विन्यायक्या के सानिध्य में बखतगढ़ के श्री वर्धमान स्थानक भवन में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक नवकार महामंत्र के सामूहिक स्तुति से प्रारंभ हुई। श्री भंसाली ने गण परिषद की यात्रा का मुख्य उद्देश्य के अंतर्गत अणु गुरु उमेशाचार्य जन्म शताब्दी वर्ष 2032 मनाने की अष्ट वर्षीय योजना की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया और संघ के सदस्यों से विचार विमर्श साझा किए। उन्होंने कहा कि परिषद की गतिविधियों का संघ में संचालन ही गण का मुख्य उद्देश्य है। आराधना में एकरूपता लाने के लिए सभी से संपर्क कर विचारों का आदान-प्रदान हो, जिससे संघ और परिषद संगठित होकर मजबूत बने।
अनमोल धरोहर साधु साध्वीजी की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है
पदाधिकारियों ने विहार समितियों को मजबूत बनाने के लिए जोर दिया, क्योंकि पिछले कुछ समय से साधु साध्वी भगवंत की सुरक्षा को लेकर प्रश्न चिह्न लग रहा है। इस संवेदनशील मुद्दे को उठाते हुए परिषद ने आह्वान किया कि साधु साध्वी भगवंत हमारे संघ समाज की अनमोल धरोहर हैं। उनकी सुरक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। इनकी दुर्घटना संयोग भी हो सकता है या किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकती है। कुछ शरारती एवं आसामाजिक तत्व जैन साधु साध्वियों को अपना निशाना बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। यहां हमारा कर्तव्य हैं कि हम उनकी सुरक्षा के लिए आगे आए। हम विहार सेवा में अपनी सजगता से सहभागिता करे। इसी क्रम में विहार सेवा समिति में सदस्यों के नाम लिखे गए। साथ ही प्रति रविवार को सुबह एक घंटा स्वाध्याय शाला लगाने के लिए विशेष प्रेरणा दी। स्वाध्यायी संघ से जुड़ने की भी बात कही गई।
अणु गुरु उमेशाचार्य जन्म शताब्दी वर्ष 2032 मनाने की अष्ट वर्षीय योजना
अणु गुरु उमेशाचार्य जन्म शताब्दी वर्ष 2032 में मनाने के अंतर्गत बनाई गई 8 वर्षीय योजना उसके क्रियान्वन पर प्रकाश डालते हुए फॉर्म भरने के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया गया। इसमें 1 वर्ष में 1500 सामायिक एवं परिवार के सदस्यों की वर्षभर में 200 सामायिक करने वाले आराधको के संकल्प पत्र भरने की प्रेरणा दी। साथ ही प्रतिक्रमण कंठस्थ करने के लिए नए जुड़े एवं जिनके भी अधूरे प्रतिक्रमण है वे अगले मार्च माह तक पूरा करें और प्रति माह पक्खी पर्व के दो उपवास का लक्ष्य रखें। इन तीनों गतिविधियों को संघ में संचालित करना और जो भी नियमित रूप से इन नियमों का पालन करेगा उन्हें गण परिषद द्वारा सम्मानित किया जाएगा। संघ की गतिविधियों को संचालित करने के लिए आर्थिक व्यवस्था हेतु छह बिंदुओं के तहत संघ के विभिन्न श्रावक श्राविकाओं को जोड़ने के लिए प्रेरणा दी। केंद्रीय संस्थाएं मजबूत बने और अपने कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करें, इस हेतु श्री संघ के सभी श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हैं उन्हें प्रेरित किया।

- गण के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को सहायता की अनुकरणीय पहल
गण के संघ के अंतर्गत जो श्रावक श्राविका आर्थिक रूप से कमजोर है उसकी सहायता के लिए अनुकरणीय पहल प्रारंभ की। इसमें उनकी मदद के लिए उनके मकान का किराया, बीमारी में दवाई, पढ़ाई और किसी भी तरह की सहायता के लिए गण परिषद सहयोग करेगा और उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। परिषद की सदस्यता अभियान में ज्यादा से ज्यादा श्रावकों को जोड़ने की अपील की है। संघ के श्रावकों को अलग-अलग योजनाओं की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। बच्चों को संस्कारित करने के लिए सभी संघों में धार्मिक पाठशाला का संचालन अति आवश्यक है। पाठशाला में केवल बच्चें नहीं अपितु सभी उम्र वर्ग के पाठशाला में पहुंचकर अपने ज्ञान में अभिवृद्धि कर सकते है।
● संघ के सदस्यों की रही गरिमामय उपस्थिति●
इस अवसर पर संघ के हेमेंद्र मोदी, वर्धमान बोहरा, दिलीप दरड़ा, मनोज ओरा, अनिल बड़ौला, दिलीप ओरा, हर्षित डांगी, विनम्र दरड़ा, श्राविका वर्ग से वरिष्ठ श्राविका झमुबाई दरड़ा, पुष्पा मोदी, पूजा कटारिया, इंदुबाला दरड़ा, मधु बोहरा, आशा दरड़ा, अंजलि ओरा, झलक डांगी, जया दरड़ा आदि की गरिमामय उपस्थिति थी।